‘साहित्य की एक किरण’ किरण सिंह की कृतियों का समीक्षात्मक अवलोकन है। इसके तहत किरण सिंह की कृतियों पर समीक्षात्मक अवलोकन के लिए इसे चार खंडों में विभक्त किया गया है। पहले खंड में बाल साहित्य की पुस्तकों पर दृष्टि है, तो दूसरे खंड में काव्य कृतियों पर नजर डाली गयी है। इसी तरह, तीसरे खंड में कहानी संग्रह और चौथे खंड में संपादित पुस्तक पर विशद चर्चा है।
लेखक कहते हैं- “किताबों को पढ़ते वक्त जैसा मैंने महसूस किया, उसे उसी रूप में उतारने की यथेष्ट कोशिश की गयी है। मतलब, किताबों के साथ मैंने खुलकर ‘जिया’ है! नींद खोकर भी पढ़ने का जो आनंद मिला है, वह अवर्णनीय है।”
ISBN | 978-81-19231-39-3 |
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Author | Mukesh Kumar Sinha |
Format | Hardcover |
Language | Hindi |
Pages | 176 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
शम्भु पी सिंह –
आपकी रचनात्मकता पर मुकेश जी द्वारा लिखी पुस्तक एक महालेख की तरह है। आजतक आई आपकी सारी पुस्तकों की एक संपूर्ण समीक्षा की गई है। समीक्षा की समीक्षा नहीं की जा सकती। बहुत बढ़िया लिखा है उन्होंने। आप पर यह एक बेहतरीन पुस्तक है। आपदोनों साहित्यिक मनीषियों को मेरी बधाई।🙏