रोशनी रह गई (Roshani Rah Gayi / Abhinav Arun)

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अभिनव अरुण की शायरी में यह ताकत इसलिए है कि वे शायरी के लिए शायरी नहीं करते। जो भाव-विचार या बात उन्हें गहराई तक मथती है उसे वे बिना किसी शब्दाडम्बर के अपने पाठकों के साथ इसलिए साझा करते हैं कि ऐसा किये बिना उन्हें चैन नहीं मिल सकता। इस दृष्टि से उनके कविकर्म का प्रमुख तत्व तनाव है। उनके भीतर जो तनाव है वह उनकी शायरी में अभिव्यक्त होकर पाठकों तक संक्रमित होती है और वे कवि तथा कविता के साथ आत्मीयता का अनुभव करते हैं।

Author

Abhinav Arun

Format

Hardcover

ISBN

978-81-19590-96-4

Language

Hindi

Pages

128

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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