नव-शैक्षणिक प्रवाह (Nav-Shaikshnik Pravah / Dr. Kumarendra Singh & Dr. Richa Rathore)

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मानव जीवन में शिक्षा की आवश्यकता भी है और उसका महत्त्व भी। शिक्षा के इसी महत्त्व को देखते हुए समाज के सभी वर्गों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान सरकार ने नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया। तीन दशक से अधिक समय पश्चात् देश में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है। इससे पूर्व वर्ष 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी और फिर वर्ष 1992 में इसमें संशोधन किया गया था। वर्तमान शिक्षा नीति से अपेक्षाएँ हैं कि यह नीति शिक्षा क्षेत्र में नवीन और सर्वांगीण परिवर्तनों की आधारशिला रखेगी। प्रस्तुत पुस्तक में लेखकद्वय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लगभग सभी बिन्दुओं को स्पर्श करते हुए इसकी संभावनाओं पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है। सामान्य चर्चा से इतर शिक्षा व्यवस्था के पूर्व ढाँचे में बदलाव, ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था, डिजिटल लाइब्रेरी, नवाचार आदि महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं पर विचार रखने के साथ-साथ लेखकद्वय ने शिक्षा क्षेत्र की कतिपय समस्याओं को भी सामने रखा है। इसके साथ-साथ शैक्षिक संस्थानों में आवश्यक कदमों को उठाये जाने हेतु सुझाव देकर लेखकद्वय ने संवेदित शिक्षाविद होने के साथ-साथ जिम्मेवार नागरिक होने का कर्तव्यबोध भी कराया है। अपेक्षा की जाती है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 निश्चित ही शिक्षा क्षेत्र में आलोकित होकर देश की प्रतिभाओं को तराशने का कार्य करेगी। इसी तरह यह पुस्तक भी शिक्षकों, शिक्षार्थियों सहित शिक्षा-क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए सहायक सिद्ध होगी।

शारदा सुमन
सह-निदेशक, कविता कोश
नयी दिल्ली।

Author

Dr. Kumarendra Singh Sengar & Dr. Richa Singh Rathore

ISBN

978-81-19231-72-0

Format

Paperback

Language

Hindi

Pages

80

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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