किसी महान विभूति के चरित्र को दोहे के माध्यम से प्रस्तुत करने का उपक्रम गत दो-तीन वर्ष से विशेष रूप से सामने आया है। पिछले दिनों दोहा-कृतियों में समग्रत: भगत सिंह, गांधी, चंद्रशेखर आज़ाद, रामप्रसाद बिस्मिल के चरित्र सामने आए हैं, जिन्हें दोहाकारों ने खंडकाव्य की संज्ञा दी है। हालांकि ये खंडकाव्य हैं या नहीं, यह अलग चर्चा का विषय है तथापि वरिष्ठ कवि/दोहाकार कुँअर उदय सिंह ‘अनुज’ द्वारा रचित ‘लौहपुरुष सरदार’ इस श्रृंखला की नवीनतम कड़ी है।
‘अनुज’ जी द्वारा इस कृति में सरदार बल्लभ भाई पटेल के संपूर्ण जीवन-चरित को दोहों के माध्यम से प्रस्तुत करने का अभिनंदनीय कार्य हुआ है। कृति के प्रथम खंड में सरदार पटेल के जन्म की गाथा है तो अंतिम, तैंतीसवें खंड में लौह पुरुष का अवसान है। सरदार पटेल के जीवन के अधिसंख्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम इस कृति में क्रमशः दोहों के रूप में पाठकों के समक्ष प्रकट हुए हैं।
किसी विराट व्यक्तित्व को अपने लेखन का केंद्र बनाने के लिए गहराई से उसके जीवन को जानने-समझने की आवश्यकता होती है। तमाम तरह से सामग्री जुटाकर शोध- कर्म करना पड़ता है। श्री ‘अनुज’ इस कसौटी पर सर्वथा खरे उतरते हैं। इसी के साथ कुछ तथ्य ऐसे होते हैं जिन्हें दोहे जैसे लघुरूपा छन्द में उतार पाना बहुत कठिन होता है, उसके लिए तो रहीम के अनुसार- ‘ज्यों रहीम नट कुंडली, सिमटि कूदि चलि जाहि।’ की भाॅंति गहरा अभ्यास होना ही चाहिए। कुँअर उदयसिंह ‘अनुज’ ने दोहे की देह को दाग़रहित रखते हुए यह करिश्मा कर दिखाया है। ‘अनुज’ जी ने सरदार पटेल के जीवन को दोहों में इस प्रकार पिरो दिया है कि कृति कहीं भी बोझिल नहीं लगती। दोहों का उचित क्रम, कथातत्व में प्रवाह बनाए रखकर उसे अनुप्राणित करता है और अंततः श्री कुँअर उदयसिंह ‘अनुज’ सिद्ध दोहाकार का ‘गोल्ड मेडल’ प्राप्त करके उच्च स्थान पर खड़े दिखाई देते हैं। यह कृति निश्चित रूप से श्री ‘अनुज’ को दोहे के अग्रजों की प्रथम पंक्ति का भागीदार बना रही है। अनंत, आत्मीय बधाइयाँ व शुभकामनाएँ।
-अशोक ‘अंजुम’
(अलीगढ़)
Author | Kunar Udaysingh 'Anuj' |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-93-95432-25-2 |
Language | Hindi |
Pages | 148 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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