काव्य कुंज : विरासत से विकास तक / संतोष रागी

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संतोष रागी का यह नया कविता संग्रह पाठकों के समाज के लिए उपयोगी सामग्री है। कवि ने जो भोगा, जो सोचा, उनकी कविता उनसे ही प्रस्फुटित है। परिवेश की परिस्थितियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता उनकी कविता का भाव प्रवाह है। इनकी कविताएँ सार्थक, सकारात्मक और प्रभावकारी संवाद करती नज़र आती हैं। यह पाठक को सम्मोहित कर स्वयं सोचने पर मजबूर करती हैं। इनकी कविताएँ काव्य सौंदर्य का प्रकटीकरण हैं।

-महेश भारती

Author

संतोष रागी

Format

Paperback

ISBN

978-934947-50-4

Language

Hindi

Pages

64

Publisher

Shwetwarna Prakashan

Genre

कविता

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