गुलमोहर (Gulmohar / Rajendra Verma)

200.00

Buy Now
Category: Tag:

‘गुलमोहर’ में राजेन्द्र वर्मा की 125 हिन्दी ग़ज़लें संगृहीत हैं—120 नई और 5 पूर्व प्रकाशित। इन ग़ज़लों में विभिन्न प्रकार के हिंदी और उर्दू के छंद प्रयुक्त हुए हैं, जिनकी संख्या पचास से भी अधिक है। साथ ही, कुछेक ऐसे भी छंद हैं जिनका नामकरण नहीं हुआ है, पर उनकी संख्या दस के अंदर ही होगी। कुछ ग़ज़लें तो एकरुक्नी हैं। एक ग़ज़ल में सभी लघु वर्णों का प्रयोग हुआ है। यह विरल है। किसी संग्रह में छंदों का ऐसा वैविध्य मुझे पहली बार ही देखने को मिला है। छंद वैविध्य की दृष्टि से भी संग्रह दो बातों में विशेष महत्वपूर्ण है— एक तो इसकी हर ग़ज़ल के साथ उसकी रचना का समय अंकित है; दूसरे, इन ग़ज़लों में अनेक शिल्पगत प्रयोग हुए हैं, जैसे- उर्दू बहरों के साथ हिंदी छंदों का सफल निर्वाह और सम्बंधित छन्द के नाम और विवरण सहित ग़ज़लों का प्रस्तुत किया जाना। ऐसे ही प्रयास उनके पिछले संग्रहों में भी देखने को मिले थे। ध्यातव्य है कि इन संग्रहों में ग़ज़ल के शिल्प पर उनकी जानकारियों से युक्त भूमिकाएँ एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ की तरह मननीय और संग्रहणीय बन गई हैं।

Author

राजेन्द्र वर्मा

Format

Paperback

Language

Hindi

Pages

140

Publisher

Shwetwarna Prakashan

ISBN

978-93-95432-68-9

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “गुलमोहर (Gulmohar / Rajendra Verma)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top