गीतार्णव कॉम्बो (Geetarnav 1-2 / Edi. Jayshankar Pradagdh)

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इस संकलन का उद्देश्य विशेष रूप से उन लाचार हाथों तक पहुँचना है, जो नई कविता के विस्फोट-काल में गीत विधा को मृतप्राय मान चुके हैं या जिनकी समझ में गीत अपने समय को रेखांकित करने में असमर्थ प्रतीत होता है।
फ़िल्मों के योजनाबद्ध फूहड़ द्विअर्थी गाने तथा कर्कश संगीत के दौर में ‘गीतार्णव’ इस पीढ़ी में गीत-चेतना भरने का बढ़िया और सशक्त विकल्प भी है। विषयगत विविधता तथा तीन पीढ़ी के गीतकारों के प्रतिनिधि गीतों, नवगीतों का संकलन, इस संग्रह की विशेषता है, जो इसे हर वर्ग के पाठकों के लिए पठनीय कृति बनाता है।

Author

Edi. Jayshankar Pradagdh

Format

Paperback

ISBN

978-93-92617-19-5 / 978-93-90135-52-3

Language

Hindi

Pages

140, 160

Publisher

Shwetwarna Prakashan

6 reviews for गीतार्णव कॉम्बो (Geetarnav 1-2 / Edi. Jayshankar Pradagdh)

  1. Rated 5 out of 5

    AJAY KUMAR GORAI

    Vry nice book jitni baar padho interest badhta jata hai

  2. Rated 5 out of 5

    Jayshankar pathak

    पठनीय साहित्यिक कार्य

  3. Rated 5 out of 5

    Abhijeet Manas

    Nice Job

  4. Rated 5 out of 5

    हरिशंकर

    साहित्यिक धरोहर

  5. Rated 5 out of 5

    Geetasharma

    मैं गीत लिखना सीखना चाहती हूं क्या यह उपजोगी होगी

  6. Rated 5 out of 5

    Bhushan

    He is very nice writing.and best book for youngsters.

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