प्रभु त्रिवेदी दोहा छंद के सशक्त हस्ताक्षरों में से एक हैं। छंद के प्रति उनकी आस्था, उसे साधने की क्षमता और उसकी कसावट दोहे के साथ-साथ हम उनके गीतों में भी महसूस कर सकते हैं। पहला संग्रह होने के बावजूद अंतर्वस्तु और संरचना के स्तर पर गीतों का शिल्प एवं विषयगत वैविध्य पाठकों को प्रभावित करने वाला है। संवेदनशीलता, विचारधारा, स्वानुभूति, सर्जनात्मक कल्पना और गहरी मानवीय चिंता के एकात्म से उपजे ये गीत कहीं से भी इकहरे, साम्प्रदायिक और कटू नहीं हैं। इनका कवि प्रकृति, मनुष्य और हरपल बदलते हुए देशकाल के प्रति सजग है और अपने ढंग से लिखना चाहता है।
Author | Prabhu Trivedi |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-93-49136-02-1 |
Language | Hindi |
Pages | 160 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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