इस यथार्थवादी उपन्यास में प्रेमचन्द ने स्त्री की इच्छा, उन इच्छाओं का पति के जीवन पर प्रभाव और उतार-चढ़ाव के सजीव चित्रण के साथ-साथ तत्कालीन भारतीय समाज का चित्रण किया है।
‘गबन’ उपन्यास एक उद्देश्य प्रधान रचना है। इसमें लेखक ने मध्यवर्गीय समाज की प्रदर्शनप्रियता, आभूषणप्रियता, भ्रष्टाचार, पुलिस की दमनकारी नीति, कर्ज़ आदि से उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं का पर्दाफ़ाश किया है।
प्रेमचंद ने इन समस्याओं को दुखों का कारण मानते हुए इनके दुष्परिणामों से बचने का तथा सरल एवं सात्विक जीवन जीने का संदेश दिया है ताकि एक उन्नत समाज का निर्माण हो सके।
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