‘दिल देहात दिमाग़ दिल्ली’ शेखर सिंह की नई कविताओं का ताज़ा और महत्त्वपूर्ण संकलन है। इसमें कवि का पूरा ध्यान भाषा की नफ़ासत और कथ्य की नवीनता पर दिखाई देता है। मीर की भाषा को अपना आदर्श मानने वाले शेखर सिंह भी जानते हैं कि कविता में बातचीत इस तरह की होनी चाहिए जिसका असर आसानी से जनसामान्य तक पहुँच सके। शेखर सिंह की अधिकांश कविताओं में प्रेम, स्त्री और राजनीति है। प्रेम और स्त्री से जहाँ ज़िन्दगी में रौनक है। वहीं राजनीति उस पर पहरे डालती है, पर जब तक कविता है स्त्री रहेगी। जब औरतें होंगी तो इश्क भी ज़िंदा रहेगा और जब तक मोहब्बत सही सलामत है सियासत चाह कर भी हमें एक होने से नहीं रोक सकती। हम आने वाले वक़्त में अच्छी उम्मीदों के लिए भी शेखर सिंह की इस कविता संग्रह को याद रख सकते हैं।
Author | शेखर सिंह मंगलम |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-93-95432-74-0 |
Language | Hindi |
Pages | 128 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
Amrita pandey –
It’s awesome book congratulations