धूप की बातें (Dhoop Ki Batein / Shiv Nishchint )

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‘धूप की बातें’ शिव निश्चिन्त का प्रथम ग़ज़ल-संग्रह है। वे कहते हैं- “इस ज़िन्दगी में, इस ज़िन्दगी से जो कुछ भी मिला है मुझे, उसे अपनी रचनाओं में पिरोने का प्रयास किया है मैंने। वैसे कुछ आता तो है नहीं मुझे, उस पर से ग़ज़ल लिखने की हिमाक़त की है मैंने। कोशिश की है सरल से सरल भाषा में लिखने की, ताकि साधारण से साधारण व्यक्ति भी आसानी से समझ सके।”

Author

Shiv Nishchint

Format

Paperback

ISBN

978-9390135-81-3

Language

Hindi

Pages

96

Publisher

Shwetwarna Prakashan

1 review for धूप की बातें (Dhoop Ki Batein / Shiv Nishchint )

  1. Omsanskar

    बहुत ही शानदार शुरुआत!

    ‘लाश के पास जब ख़त के टुकड़े मिले
    तब कफ़न ने कहा आशिकी-आशिकी’

    वाह! बहुत खूब!
    चुनिंदा उभरते हुए ग़ज़लकारों में से एक। बधाई!!

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