माता देवकी के बेटे, श्री कृष्ण, को रांगेय राघव ने अपने इस उपन्यास में ईश्वरीयता के पद से उतार कर एक पुरुषार्थी, कर्मठ और त्यागी पुरुष के रूप में दिखाया है जो किसी भी आम इंसान के लिए प्रेरणाश्रोत हो सकता है। श्री कृष्ण को एक महान ऐतिहासिक पुरुष के रूप में चित्रित करते हुए उन्होंने उनकी जिंदगी से जुड़ी अनेकानेक अलौकिक घटनाओं की वैज्ञानिक व्याख्या भी की है। यह एक पठनीय और संग्रहणीय उपन्यास है जो व्यक्ति को महानता की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करता है।
Format | Paperback |
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ISBN | 978-81-962317-2-9 |
Language | Hindi |
Author | Rangey Raghav |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
Pages | 156 |
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