अनिरुद्ध प्रसाद विमल के कहानी संग्रह रोॅ नाम ‘दलदल’ खाली हुनकोॅ कहानी ‘दलदल’ के परिभाषित नै करै छै। हुनका कहानी में दलदल युग-युग सें समाज आरो देश में व्याप्त ऊ कुरीति आरो विसंगति रोॅ प्रतीक छिकै जेकरा बीच रही केॅ भी स्त्री ने समाज लेली प्रेम आरो ममता के कमल खिलैने छै।
दलदल रोॅ कहानी सब समय सें साक्षात्कार करै वाला कहानी छै। हिंदी में लिखलोॅ जाय रहलोॅ उत्कृष्ट कहानी के स्तरीयता से भी बहुत आगू छै अंगिका कहानी संग्रह ‘दलदल’ रोॅ सबटा कहानी। अंगिका में ई कहानी संग्रह मील रोॅ पत्थर सिद्ध होतै हमरा यै बात रोॅ दृढ विश्वास छै।
Author | Aniruddh Prasad Vimal |
---|---|
Format | Hardcover |
ISBN | 978-93-90135-55-4 |
Language | Angika |
Pages | 156 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
Be the first to review “दलदल (Daldal / Aniruddh Prasad Vimal)” Cancel reply
Related products
मुस्कान तुम्हीं हो जीवन की (Muskan Tumhin Ho Jeevan Ki / Ranjan Kumar Jha)
₹160.00Original price was: ₹160.00.₹125.00Current price is: ₹125.00. Add to cartBuy Now
Reviews
There are no reviews yet.