अविनाश भारती ने थोड़े से समय में ही ग़ज़ल और समीक्षा के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज़ की है। उनके पास ग़ज़ल को लेकर एक आयडिया है। हमेशा कुछ नया करने की तत्परता है। उनके पास एक एक्सपेरिमेंट और एक्साइटमेंट है। उसी का प्रतिफल है कि उनके संपादन के ज़िम्मे एक और नई किताब ‘दहलीज़ से आगे’ (बिहार की महिला ग़ज़लकार) के रूप में हमारे सामने आई है। यह कम संतोष का विषय नहीं है कि हिन्दी साहित्य में हाशिये पर रखी जानी वाली ग़ज़ल विधा अब एक-एक शख़्स एक-एक क्षेत्र और एक-एक विमर्श को लेकर हमारे सामने आ रही है। ग़ज़ल अपनी इब्तिदा से ही औरतों के क़रीब रही है, पर यह स्त्री सिर्फ़ शायरी की ज़ीनत बनती रही है। तब उनका बोलना मना था। बस उनके हुस्न के नखरे दिखते थे, वो उड़नलोक की परी थी, उनकी अपनी तकलीफ़ें, दुःख, दर्द और एहसास कहीं नज़र नहीं आते थे। आज स्त्रियाँ ख़ुद ग़ज़ल लिख रही हैं और इस बहाने अपनी फ़िक्र, अपने तख़य्युल और अपने परवाज़ को क़रीने से रख रही हैं। यह स्त्रियाँ अब दबी-कुचली नहीं हैं, बल्कि समाज में एक ताक़त बनकर मजबूती के साथ अपना असर और रोब रखती हैं।
हिन्दी में महिला ग़ज़लकारों की संख्या हमेशा से कम रही है। सिर्फ़ हिन्दी क्या उर्दू की छह सौ साल पुरानी शायरी की परंपरा में भी स्त्री ग़ज़लकारों में हमारा ध्यान सिर्फ़ परवीन शाकिर और किश्वर नाहीद जैसे कुछ लोगों पर जाता है। एक समय में महिलाओं का ग़ज़ल लिखना ख़राब समझा जाता था। कहते हैं कि उर्दू के अजीम शायर मीर तकी मीर की पुत्री का दीवान तक शायरी करने पर जला दिया गया था। इन हिन्दी-उर्दू के चंद महिला ग़ज़लकारों में भी बिहार की ज़मीन से महिला ग़ज़ल शायरत को तलाशना एक संपूर्ण शोध का विषय है, जिसे अविनाश भारती जैसे उद्यमी लोग ही पूरा कर सकते हैं। मैं जहाँ बिहार की माटी से जुड़े चार-पाँच महिला ग़ज़लकारों से अधिक को नहीं जानता था, वहाँ अविनाश ने साठ ग़ज़लकारों को इकट्ठा कर लिया है, जिससे उनकी खोजी प्रवृत्ति और अनुसंधान का पता चलता है।
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Books
दहलीज़ से आगे (बिहार की महिला ग़ज़लकार) Dahleez Se AAge / editor Avinash Bharati
Original price was: ₹299.00.₹249.00Current price is: ₹249.00.
Author | editor Avinash Bharati |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-81-975433-2-6 |
Language | Hindi |
Pages | 160 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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