‘छन्द नवनीत’ पूर्णरूप से भक्ति भावना से ओत-प्रोत काव्य है। भक्ति भावना से युक्त रचनाएँ शाश्वत एवं चिर स्थाई रहती हैं। किसी भी युग का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यही कारण है कि भक्ति काल को हिन्दी साहित्य का स्वर्ण युग कहा गया है। ‘छन्द नवनीत’ में सरस्वती वन्दना के अतिरिक्त शिव, हनुमान, भगवान राम, राधा एवं भगवान कृष्ण, पर आधारित सुमधुर छन्द संग्रहीत हैं। तत्पश्चात विविधा के अन्तर्गत कुछ अन्य विषयों पर भी छन्द दिये गये हैं।
Author | नवनीत मिश्र 'नवल' |
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Format | Hardcover |
ISBN | 978-81-981869-8-0 |
Language | Hindi |
Pages | 104 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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