चिश्ती जी की ग़ज़लें प्रेम की दीवानगी, अलगाव की पीड़ा एवं जीवन के संघर्ष को बड़ी बेबाकी से चित्रित करती हैं। शायद यही वजह है कि आज उनकी शायरी और अर्जित की गई शख्सियत ग़ज़लों में ढल गई हैं। चिश्ती जी के इस संग्रह से झंझावातों के दौर में प्रेम की बुनियाद से ज़िन्दगी जीने की कला को महसूस किया जा सकता है।
Author | एम. आर. चिश्ती |
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Format | Paperback |
ISBN | 78-93-49136-66-3 |
Language | Hindi |
Pages | 128 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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