मानव-कल्याण और शिवत्व भाव से ओत-प्रोत, कवयित्री ने एक खण्ड-काव्य की भी सृष्टि की है।
‘सती-विन्यास’ शीर्षक से तिहत्तर में निबद्ध यह कृति न सिर्फ़ शिव-शक्ति के आख्यान को क्रमबद्ध प्रस्तुत करती है, बल्कि सती के विभिन्न अंगों की स्मृति काव्य-शृंगार निर्मित तीर्थ स्थलों की भी सैर कराती है। सम्पूर्ण पौराणिक कथ्य को इस कथा-काव्य में ऐसी सरसता व प्रवाहमानता के साथ पिरोया गया है कि पाठक सुध-बुध खोकर इसके संग बहता चला जाता है। कभी आदिम राग की तरल अनुभूति होती है तो कभी सेवा-तप की साधना की। तिरस्कार की परिणति, शिव का रौद्र रूप और करुणा की गहन संवेदना पाठक को उद्वेलित-विचलित किए बगैर नहीं रहती। इक्यावन शक्ति-पीठों की अंतर्कथा के साथ ही चंद शक्ति-पीठों के जीवंत चित्र भी उकेरे गये हैं।
-भगवती प्रसाद द्विवेदी
Author | सुजाता मिश्रा |
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Format | Paperback |
Language | Hindi |
Pages | 88 |
ISBN | 978-81-972908-2-4 |
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