‘रघुपति राघव रामलला’ गीतों में सचित्र रामकथा है। यह लघु पुस्तिका रामायण के गूढ़ रहस्यों का सहज अनुवाद है। यह कथा मात्र नहीं, भावसंजीवनी है। ‘कहहिं सुनहिं बहुविधि सब संता’ की तर्ज पर राघव ने इसे अति सुंदर और सरल रूप में प्रस्तुत किया है। तुलसी बाबा ने कहा भी है ‘नाना भाँति राम अवतारा, रामायण सत कोटि अपारा। कलपभेद हरिचरित सुहाए, भाँति अनेकमुनिसन्ह गाए।’
राघव भैया ने इसे अपनी ही तरह से गाया है। यह रामकृपा ही है। राघव का सहज, सौम्य और सुंदर स्वभाव, उनका मणिकांचन व्यक्तित्व उनके गीतों में उभरता है। उनका भक्ति-भाव इसकी आत्मा है। उनका प्रेमिल-प्रवाह इसकी अन्विति और लोकमंगल उनका ध्येय है।
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रघुपति राघव रामलला (Raghupati Raghav Ramlala / Raghav Shukla)
Original price was: ₹249.00.₹199.00Current price is: ₹199.00.
Author | राघव शुक्ल |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-81-984070-8-5 |
Language | Hindi |
Pages | 64 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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