दोहा-संग्रह ‘शेष दोहावली’ में दोहाकार शेष जी ने व्यक्ति और समाज के साथ तादात्म्य स्थापित कर उनके उभय पक्ष को सूक्ष्म दृष्टि से निहारा है, फिर उसे अपने संवेदनशील हृदय में उतारा है और अंत में अपने दोहों में शब्दों से सँवारा है। सब की मूल में आपकी लोकमंगलकारी दृष्टि है। अस्तु इन दोहों में हितोपदेश, महाकुम्भ, पर्व-त्योहार, निर्धन की वेदना, नीति-निर्देश, अध्यात्म, आध्यात्मिक अनुभूति, वैराग्य, सद्ग्रंथों का सन्देश, गुरु-महिमा, भारतीय संस्कार, राष्ट्र-गौरव, राष्ट्रानुरक्ति, भ्रष्टाचार, नग्न राजनीति, मृत्यु का यथार्थ, धर्माडंबर, मद्यपान, आतंकवाद, संबंधों का व्यामोह, आज के नेता, सामाजिक कुरीतियाँ आदि विविध विषय गहन संवेदना एवं सर्वजनहिताय सार्थक संदेश के साथ उभर कर आये हैं।
Related products
गीत लड़ेंगे अँधियारों से (Geet Ladenge Andhiyaron Se / Shubham Shrivastava Om)
₹160.00Original price was: ₹160.00.₹130.00Current price is: ₹130.00. Add to cartBuy Nowमुस्कान तुम्हीं हो जीवन की (Muskan Tumhin Ho Jeevan Ki / Ranjan Kumar Jha)
₹160.00Original price was: ₹160.00.₹125.00Current price is: ₹125.00. Add to cartBuy Now
Reviews
There are no reviews yet.