एस. भाग्यम शर्मा द्वारा अनुवादित
तमिल साहित्य बहुत पुराना है और अपने आरम्भिक काल से ही आकर्षक रहा है। इस संकलन के माध्यम से मेरा प्रयास हिन्दी बाल पाठकों के लिए तमिल साहित्य उपलब्ध कराना है। मुझे विश्वास है कि तमिल बाल कहानियों का यह संकलन उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत के भावनात्मक बंधन को और मजबूत करेगा।
इस संकलन की तमिल कहानियों का हिन्दी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। एस. भाग्यम शर्मा प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। राजस्थान साहित्य अकादमी तथा पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी (राजस्थान) सहित अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित एस. भाग्यम शर्मा की रचनाएँ प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में स्थान पाती रही हैं। उन्होंने तमिल साहित्य की अनेक रचनाओं एवं पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद किया है, जिनमें सी. राजगोपालाचारी की बालकथाएँ, प्रतिनिधि दक्षिण की कहानियाँ, समकालीन तमिल प्रतिनिधि कहानियाँ, झूला, दीपशिखा, टूटन, श्रेष्ठ तमिल कहानियाँ, बंद खिड़कियाँ, मुखौटा इत्यादि प्रमुख हैं।
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