पुस्तक ‘भोजपुरी सिनेमा के संसार’ ( प्रथम संस्करण : 2024 ) वर्ष 1931 से लेकर अब तक के भोजपुरी सिनेमा के सफर पर विहंगम दृष्टिपात है। वर्ष 1962 में भोजपुरी की पहली फ़िल्म आई- ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’। उसके पहले 1931 से 1962 तक हिंदी सिनेमा में संवाद और गीतों के जरिये भोजपुरी कैसे अपना परचम लहराती रही, इसके रोचक किस्से भी हैं इस पुस्तक में। अमिताभ बच्चन, सुजीत कुमार, राकेश पांडेय, कुणाल सिंह, रवि किशन और मनोज तिवारी जैसी सिने-हस्तियों के साक्षात्कार शामिल हैं, भोजपुरी सिनेमा की चुनौतियों, संभावनाओं, बिजनेस और भविष्य पर खुलकर लिखा गया है। साथ ही ओटीटी, भोजपुरी वेबसिरिज, टेलीफिल्म, सीरियल पर भी प्रकाश डाला गया है। 405 पृष्ठों की इस पुस्तक का मूल्य पाँच सौ रुपये है।
इस पुस्तक में भोजपुरी सिनेमा के सफर को तीन खंडों बाँटा गया है। पहले खंड में वर्ष 1931 से 2000 के कालखंड में फिल्मी दुनिया में भोजपुरी के प्रवेश की कहानी, पहली फिल्म के निर्माण की कहानी, भोजपुरी सिनेमा के भीष्म पितामह नाजिर हुसैन का दुर्लभ लेख, उस दौर के प्रतिमान, गीत व कथा-पटकथा के साथ कुछ महत्वपूर्व साक्षात्कार भी शामिल हैं।
दूसरे खंड में 2001 से 2019 तक के सफर पर विहंगम दृष्टिपात है। इस दौर के नायक-नायिका, गीतकार-संगीतकार, निर्माता-निर्देशक व क्रिएटिव टीम के परिचय व योगदान के साथ बदलते सिनेमा, भूतल से रसातल तक जाते सिनेमा, चेतावनी और चुनौती पर खुलकर विमर्श है।
तीसरा खंड विविधा का है जिसमें सिनेमा के विभिन्न आयामों पर चर्चा है। लता, किशोर, मुहम्मद रफी के भोजपुरी गीतों पर रोचक आलेख हैं। भोजपुरी सिनेमा, राजनीति और चुनाव का भी जिक्र है।
Author | मनोज भावुक |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-81-982150-2-4 |
Language | भोजपुरी |
Pages | 405 |
Publisher | मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली |
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