सीधे-सादे चित्र (Seedhe-Sade Chitra / Subhdra Kumari Chauhan)

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सुभद्रा कुमारी चौहान ने 43 वर्ष की आयु में कुल 88 कविताओं और 46 कहानियों की रचना की। सुभद्रा जी वीर रस की कविताएं लिखने के लिए जानी जाती थीं। सुभद्राजी की भाषा सीधी, सरल तथा स्पष्ट एवं आडम्बरहीन खड़ीबोली है। इन्होंने दो रस को प्रमुखता से चित्रित किए हैं – वीर तथा वात्सल्य। इनके जीवन के तरह ही उनका साहित्य भी सरल और स्पष्ट है। इनकी रचनाओं में राष्ट्रीय आंदोलन, स्त्रियों की स्वाधीनता, जातियों का उत्थान आदि समाहित है। वो भारत की महान कवयित्री होने के साथ-साथ देश की निडर स्वतंत्रता सेनानी (पहला महिला सत्याग्रही) भी थीं। राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भागीदारी और जेल यात्रा के बाद भी उनके तीन कहानी-संग्रह प्रकाशित हुए। सीधे-सादे चित्र उन्हीं कहानी संग्रहों में से एक है। इसमें उनकी एक अधूरी लिखी कहानी भी शामिल है।

Author

सुभद्राकुमारी चौहान

Format

Paperback

ISBN

978-81-970416-8-6

Language

Hindi

Pages

64

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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