हिन्दी ग़ज़ल अपनी विविध सीमाओं तथा नियमों के बावजूद साधारण जनता की समस्याओं, उनकी कुंठाओं, उनकी जिजीविषा, उनके संघर्ष और उनके शोषण को अपनी आवाज़ दे रही है। आम इंसान के कष्टों को भावनात्मक लगाव के साथ समझते हुए उनके मुद्दों को अपने लेखन का विषय बना रही है। इन संवेदनात्मक पहलुओं की अभिव्यक्ति के कारण ही हिन्दी ग़ज़ल वर्तमान हिंदी काव्य स्वरूपों में अपना प्रमुख स्थान बना रही है। हिंदी ग़ज़ल का अपने इसी तेवर के साथ उपस्थित होना ही उसे काव्य संसार में आला मकाम हासिल करने में सहायक होगा। इस संकलन में संकलित आलेख, इस बात को सिद्ध भी करते हैं।
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हिन्दी ग़ज़ल : दिशा और दशा (Hindi Gazal Dasha Aur Disha / Edi. Dr. Vinay Kumar Shukla & Arti Devi)
₹499.00
Author | सम्पादक द्वय : डॉ. विनय कुमार शुक्ल, आरती देवी |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-81-979684-6-4 |
Language | Hindi |
Pages | 328 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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