थाली में मोर (Thali Mein Mor / Rubi Bhushan)

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रूबी भूषण की कविता की एक ख़ास बात यह भी है कि इनकी कविता अपने समय से संवाद की कविता है। इसका अर्थ यह हुआ कि रूबी भूषण बस कविता लिखकर संतुष्ट नहीं हो जातीं, बल्कि अपने समय में हो रही चूक को लेकर, संवाद भी करती हैं। इस कारण से, मेरी नज़र में, रूबी भूषण की कविता ऐसी कविता है, जो समकालीन कविता से संवाद को विस्तार भी देती है। इनकी कविता को समझने का एक तरीक़ा यह भी है कि आप इन कविताओं को पढ़ते हैं, तो आपको लगता रहता है कि आपका कोई अपना आकर आपके दरवाज़े की साँकल बजा रहा है।

Pages

104

Author

Rubi Bhushan

Format

Hardcover

ISBN

978-81-978455-2-9

Language

Hindi

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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