‘अक्षर-अक्षर हव्य’ के दोहों के माध्यम से आज के यथार्थ की अभिव्यक्ति करने वाली रचनाकार अनामिका के सात सौ से अधिक दोहे, एक भरा-पूरा संसार है जिसमें स्त्री, किसान, किन्नर, भ्रूण हत्या, लैंगिक विभेद, शिक्षा, शीत , वेदना, क्षमा, पावस, माँ, रिश्ते , ग्रीष्म, जीवन, सामाजिक विद्वेष, संयम, प्रकृति, पर्व ,धर्मान्धता, संविधान, समष्टि की शुभता की कामना, कलुषता का दंश , गाँव, प्रेम, आर्थिक असमानता, रोज़गार और देशप्रेम जैसे विषयों के अलावा सामाजिक सद्भाव, विसंगतियों, और सत्ता प्रतिष्ठानों के अमानवीय कृत्यों पर विचारोत्तेजक दोहे हैं।
Author | अनामिका सिंह |
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Format | Hardcover |
ISBN | 978-81-970224-3-2 |
Language | Hindi |
Pages | 112 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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