किसी को ग़ज़ल मिलेगी, किसी को बहर
जज़्बात फूटा दिल का, उठ गई ये लहर
हौसलों के दम उड़ा आसमां में आजाद
न दाद की फ़िक्र, न आलोचनाओं का डर
-डॉ. अभिषेक कुमार
किसी को ग़ज़ल मिलेगी, किसी को बहर
जज़्बात फूटा दिल का, उठ गई ये लहर
हौसलों के दम उड़ा आसमां में आजाद
न दाद की फ़िक्र, न आलोचनाओं का डर
-डॉ. अभिषेक कुमार
Pages | 112 |
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Author | Dr. Abhishek Kumar |
Format | Paperback |
ISBN | 978-81-19590-56-8 |
Language | Hindi |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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