नाव प्यार की (Naav Pyar Ki / Dr. Reshma Ansari)

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प्रस्तुत काव्य कृति का शीर्षक नाव प्यार की अत्यंत सार्थक, समर्पक व बोधक है क्योंकि इस शीर्षक की विशेषता यह है कि वह प्यार के विभिन्न रूपों को ध्वनित करता है। नाव प्यार की प्रेम की प्यार, मुहब्बत और इश्क़ इन तीनों दशाओं का दर्शन कराती है। हर प्रेमी प्यार की नाव पर सवार होकर इच्छित मार्ग का अनुसरण कर सकता है तथा प्रेम के किसी भी रूप को अपना सकता है। प्रस्तुत काव्य कृति की अधिकांश कविताएँ प्रेम से सम्बंधित है, जिसमें वतन के प्रति राष्ट्र प्रेम, प्यारे रसूल हजत मुहम्मद (स.) साहब के प्रति मुहब्बत, परिवार में माता-पिता के प्रति आदर युक्त प्रेम भाव, बिटिया के प्रति प्यार, पति-पत्नी का परस्परिक प्रेम, प्रेमी और प्रेमिका के बीच का इश्क़ तथा धरती माता के प्रति श्रद्धा भाव ये सभी प्रेम के ही विभिन्न रूप हैं, जिन्हें कवयित्री ने बड़ी चतुराई के साथ अपनी काव्य कृति में अनुपम स्थान दिया है।

Author

Dr. Reshma Ansari

Format

Hardcover

ISBN

978-81-19231-22-5

Language

Hindi

Pages

100

Publisher

Shwetwarna Prakashan

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