राजेश जैन ‘राही’ छत्तीसगढ़ में साहित्य जगत के एक जाने माने साहित्यकार हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी ‘राही’ जी साहित्य की विभिन्न विधाओं के साथ-साथ ग़ज़ल की दूर-दराज़ मंज़िल की राह पर चलने वाले एक जागरूक राही भी बन चुके हैं और वे अपना एक ख़ास मुक़ाम बनाने की दिशा में ग़ज़ल को अपने तसव्वुरात में निहारते हुए, ग़ज़ल विधा में अपनी दूसरी पुस्तक ‘चाहत’ के साथ अपनी मंज़िल की ओर पूरी चमक-दमक के साथ आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। ‘राही’ जी की ग़ज़लों में जो प्रवाहमयी धारा बहती है वह किसी भी साहित्य प्रेमी को आकर्षित व प्रभावित कर लेती है। समसामयिक संदर्भों में राजेश जैन ‘राही’ में उपस्थित शायर जहाँ उद्वेलित हो ग़ज़ल कहने को विवश होता है वहीं संवेदनशील और कोमल भावनाओं को भी शिद्दत के साथ व्यक्त करता है।
Author | Rajesh Jain 'Rahi' |
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Format | Paperback |
ISBN | 978-93-90135-95-0 |
Language | Hindi |
Pages | 132 |
Publisher | Shwetwarna Prakashan |
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