अरुण व्यवहार में जितना सौम्य, आत्मीय और संकोची दिखता है अपने सृजन में उतना ही मुखर, तटस्थ और साहसी लगा है। मंचों के साथ के अलावा जब घर में सुना और बाद में पढ़ा तबसे वाकई वह मेरे प्रिय अनुज गीतकार हैं। निश्चित रूप से आप को भी उतने ही ज्यादा अच्छे लगते जायेंगे जितना ज्यादा आप उन्हें पढेंगे। कदाचित् यही एक स्थापित रचनाकार को पढ़ने की विधि और सिद्धि है।
-सोम ठाकुर
राशि –
एक ईमानदार मौलिक श्रेष्ठ गीत सृष्टा के प्रयास को पाठकों तक पहुँचाने के लिए श्वेतवर्णा प्रकाशन को धन्यवाद