हिलोरें : मन में उठती हुईं (Hilorein: Man Mein Uthati / Anali Bajad)

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मेरी लिखी गई कविताएँ केवल कल्पना मात्र नहीं हैं। ये तो जीवन के अनुभव हैं। हाँलाकि इतनी छोटी उम्र में जीवन का ज़्यादा अनुभव तो नहीं हो सकता पर फिर भी जितना देखा है, सुना है और जो दिल को छुआ है, बस उसी को अपने शब्दों में सँजोया है और मन में उठती ये हिलोरें, धीरे-धीरे शब्दों में उतरकर कविताएँ बनी हैं।
मेरी कविताओं का दर्द सत्य है, विषय वास्तविक है और व्यवस्था तथा सामाजिक बँधनों पर प्रहार है। मैं अपनी कविताओं द्वारा, महिलाओं की स्थिति बताकर उन्हें हीन या बेचारी नहीं जताना चाहती बल्कि चाहती हूँ कि हर लड़की को समझा जाए और हर वह अवसर दिया जाए, जिससे वे आगे बढ़कर आत्मनिर्भर बन सके।

-अंजलि

Author

अंजली बजाड़

Format

Paperback

ISBN

978-93-95432-73-3

Pages

92

Language

Hindi

Publisher

Shwetwarna Prakashan

2 reviews for हिलोरें : मन में उठती हुईं (Hilorein: Man Mein Uthati / Anali Bajad)

  1. Nikhil (verified owner)

    Very sensitive and Heart touching poems on social issues .

  2. Gagandeep Singh

    It’s a beautiful depiction of emotions. A woman is better at writing women’s struggle ,so great work. PROUD!

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