प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में अपनी नारी पात्रों को कर्म, शक्ति और हिम्मत में पुरुष के बराबर ही रखते हैं, लेकिन वो स्त्रियों की स्वाभाविक अस्मिता, गरिमा और कोमलता को भी क्षीण नहीं होने देते। इस पुस्तक में हम उनकी कुछ ऐसी में सशक्त स्त्री पात्रों की कहानी लेकर आए हैं, जो अपने लिए सोच समझ और निर्णय लेने की क्षमता रखती है। उम्मीद है ये कहानियाँ आपको पसंद आएंगी।
Premchand ne apani rachanaaon men apani nari patron ko karm, shakti aur himmat men puruS ke baraabar hi rakhate hain, lekin vo striyon ki svaabhaavik asmitaa, garima aur komalata ko bhi kSeeN naheen hone dete. Is pustak men ham unaki kuchh aisi men sashakt stri paatron ki kahaani lekar aae hain, jo apane lie soch samajh aur nirNay lene ki kSamata rakhati hai. Ummeed hai ye kahaaniyaan aapako pasand aaengee.
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